IPL 2025 Qualifier 2: पंजाब किंग्स vs मुंबई इंडियंस – सेमीफाइनल का पूरा विश्लेषण

आईपीएल 2025 का क्वालिफायर 2, यानी सेमीफाइनल, अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पंजाब किंग्स (PBKS) और मुंबई इंडियंस (MI) के बीच खेला गया। यह मुकाबला रोमांच, बड़े स्कोर और जबरदस्त व्यक्तिगत प्रदर्शन से भरपूर रहा। पंजाब किंग्स ने मुंबई इंडियंस को 5 विकेट से हराकर पहली बार आईपीएल फाइनल में जगह बनाई। आइए मैच के हर पहलू—बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग—का विस्तार से विश्लेषण करते हैं।

मुंबई इंडियंस की बल्लेबाजी
मुंबई इंडियंस ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी की और 20 ओवर में 203/6 का बड़ा स्कोर खड़ा किया। शुरुआत में रोहित शर्मा जल्दी आउट हो गए, लेकिन जॉनी बेयरस्टो (38 रन, 24 गेंद) और तिलक वर्मा (44 रन, 29 गेंद) ने पारी को संभाला। इसके बाद सूर्यकुमार यादव (44 रन, 26 गेंद) और तिलक वर्मा के बीच 72 रनों की साझेदारी ने रन गति को तेज रखा। अंतिम ओवरों में नमन धीर (37 रन, 18 गेंद) की तूफानी बल्लेबाजी ने मुंबई को 200 के पार पहुंचाया।

मुंबई की बल्लेबाजी की खास बातें:
टॉप ऑर्डर में जल्दी विकेट गिरा, लेकिन मिडिल ऑर्डर ने शानदार वापसी की।

सूर्यकुमार और तिलक वर्मा की साझेदारी ने प्लेटफॉर्म तैयार किया।

नमन धीर ने अंतिम ओवरों में आक्रामक बल्लेबाजी की।

पंजाब के गेंदबाजों ने बीच के ओवरों में विकेट लेकर दबाव बनाया।

पंजाब किंग्स की गेंदबाजी और फील्डिंग
पंजाब की ओर से अजमतुल्लाह उमरजई ने सबसे सफल गेंदबाजी की, 4 ओवर में 43 रन देकर 2 विकेट लिए। काइल जैमीसन, मार्कस स्टोइनिस, युजवेंद्र चहल और व्यशाक विजयकुमार ने भी 1-1 विकेट लिया। हालांकि, अर्शदीप सिंह और अन्य गेंदबाजों को मुंबई के बल्लेबाजों ने आक्रामकता से खेला।

गेंदबाजी की खास बातें:
उमरजई ने अहम मौकों पर विकेट निकाले।

चहल ने सूर्यकुमार यादव का बड़ा विकेट लिया।

पंजाब की फील्डिंग में कुछ अच्छे कैच और रन-आउट देखने को मिले, लेकिन डेथ ओवर्स में थोड़ी ढील रही।

पंजाब किंग्स की बल्लेबाजी
204 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए पंजाब किंग्स की शुरुआत तेज रही। प्रियांश आर्य (20 रन, 10 गेंद) और प्रभसिमरन सिंह (6 रन) जल्दी आउट हो गए, लेकिन जोश इंग्लिस (38 रन, 21 गेंद) ने पारी को गति दी, खासकर बुमराह के पहले ओवर में 20 रन बनाकर दबाव कम किया।

इसके बाद कप्तान श्रेयस अय्यर (87* रन, 41 गेंद, 5 चौके, 8 छक्के) और नेहाल वढेरा (48 रन, 29 गेंद) के बीच 84 रनों की साझेदारी ने मैच पंजाब की ओर मोड़ दिया। अय्यर ने पूरे मैच में संयम और आक्रामकता का बेहतरीन मिश्रण दिखाया और आखिर में लगातार छक्के लगाकर टीम को जीत दिलाई।

पंजाब की बल्लेबाजी की खास बातें:
इंग्लिस ने शुरुआत में आक्रामकता दिखाई।

श्रेयस अय्यर ने कप्तानी पारी खेलते हुए दबाव में भी शानदार बल्लेबाजी की।

नेहाल वढेरा ने अय्यर के साथ मिलकर पारी को संभाला।

आखिरी ओवरों में अय्यर ने लगातार बाउंड्री लगाकर मैच खत्म किया।

मुंबई इंडियंस की गेंदबाजी और फील्डिंग
मुंबई के लिए ट्रेंट बोल्ट और अश्विनी कुमार ने शुरुआत में विकेट निकाले। लेकिन जसप्रीत बुमराह, जो आमतौर पर सबसे प्रभावशाली होते हैं, इस मैच में कोई विकेट नहीं ले सके और उनके शुरुआती ओवर में ही इंग्लिस ने 20 रन बना दिए। अश्विनी कुमार ने सीजन में कई बार अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन इस बड़े मैच में डेथ ओवर्स में यॉर्कर सही से नहीं डाल पाए और अय्यर ने इसका पूरा फायदा उठाया।

गेंदबाजी की खास बातें:
बुमराह का विकेटलेस रहना मुंबई के लिए सबसे बड़ा झटका रहा।

बोल्ट और अश्विनी ने शुरुआती विकेट दिलाए, लेकिन मिडिल ओवर्स में दबाव नहीं बना सके।

फील्डिंग में बोल्ट द्वारा वढेरा का कैच छोड़ना महंगा साबित हुआ।

मैच का टर्निंग पॉइंट
जसप्रीत बुमराह के पहले ओवर में 20 रन देना और पूरे मैच में विकेट नहीं लेना।

श्रेयस अय्यर की कप्तानी पारी और आखिरी ओवरों में लगातार छक्के।

मुंबई की फील्डिंग में वढेरा का ड्रॉप कैच।

अंतिम ओवरों में पंजाब किंग्स ने अपनी जीत श्रेयस अय्यर की आक्रामक बल्लेबाजी और मुंबई इंडियंस की गेंदबाजी में अनुभव की कमी का फायदा उठाकर सुनिश्चित की। जब मैच के 18 ओवर पूरे हुए, तब पंजाब को 12 गेंदों पर 23 रन चाहिए थे। मुंबई के कप्तान ने इस अहम समय पर युवा तेज गेंदबाज अश्विनी कुमार को गेंद थमाई, जबकि उनके सबसे अनुभवी गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के ओवर खत्म हो चुके थे।

19वें ओवर में श्रेयस अय्यर ने अश्विनी कुमार की गेंदबाजी पर जबरदस्त हमला बोला और एक ओवर में ही 26 रन ठोक दिए। इस ओवर में अय्यर ने तीन छक्के और दो चौके जड़कर मैच का रुख पूरी तरह पंजाब की ओर मोड़ दिया। इस तरह आखिरी ओवर की जरूरत ही नहीं पड़ी और पंजाब ने एक ओवर शेष रहते ही लक्ष्य हासिल कर लिया।

इस निर्णायक मोड़ पर अय्यर की बल्लेबाजी ने न सिर्फ दबाव को कम किया, बल्कि मुंबई के गेंदबाजों की रणनीति को भी विफल कर दिया। बुमराह के 18वें ओवर में सिर्फ 8 रन बने थे, लेकिन अश्विनी के 19वें ओवर में अय्यर ने अपनी क्लास दिखाते हुए पंजाब की जीत पक्की कर दी।

इस तरह, अंतिम ओवरों में पंजाब की जीत का सबसे बड़ा कारण श्रेयस अय्यर की विस्फोटक बल्लेबाजी और मुंबई की गेंदबाजी में अनुभव की कमी रहा, जिसने पंजाब को पहली बार आईपीएल फाइनल में पहुंचा दिया।

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